Ration card
राशन कार्ड धारकों के लिए बड़ी खबर! अब डेट में शामिल हों सरकार का बड़ा फैसला, जानिए अपडेट
राशन कार्ड धारकों के लिए बड़ी खबर। उनके जन्मोत्सव में उनकी राशि के बारे में जानें। वही 1.06 करोड़ निवेशकों को अपना पैसा आधार से जुड़े बैंक खाते में जमा करना होगा।
Ration card
इसका लाभ 1.28 करोड़ राशन कार्ड राशन को मिलेगा। इसके लिए 99 प्रतिशत लाभुकों का आधार नंबर राशन कार्ड से लिंक किया गया है।
कर्नाटक सरकार द्वारा राशन कार्ड धारकों के लिए नई योजना शुरू की गई है। सरकार के तहत अन्न भाग्य योजना के तहत 1.06 करोड़ किसानों के खाते में जमाकर्ता की हिस्सेदारी। यह धन गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार को दिया जाता है। परिवार को 5 किल चावल के लिए इसकी राशि उनके बैंक में उपलब्ध करा रही है। यह राशि परिवार के मुखिया के आधार नंबर से जुड़े बैंक में जमा की गई है ।
बता दें कि राज्य में अंत्योदय अन्न योजना के तहत 1.28 करोड़ राशन कार्ड लाभार्थी हैं। जिसमें से 99 प्रतिशत आधार नंबर से लिंक हैं। इसके अलावा 1.06 करोड़ रिज़र्व आधार से जुड़े बैंक सक्रिय हैं। इन लाभों को डीबीटी के माध्यम से राशि का भुगतान किया जाएगा। अतिरिक्त 5 किश्ती चावल के लिए उन्हें ₹34 प्रति किश्ती की दर से इतनी ही राशी उपलब्ध कराई जाएगी। यह राशि सीधे तौर पर इलेक्ट्रॉनिकी के विक्रय में शामिल होती है।
22 लाखपीएल बीपीएल परिवारों को अभी भी अन्न भाग्य योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। ये लोग वो हैं जिनका उधार खाता आधार से लिंक नहीं है। योजना के तहत बीपीएल परिवार के प्रत्येक अतिथि को 5 किलो चावल दिया जाता है। कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया था।
जम्मू-कश्मीर: 10 किलो अतिरिक्त राशन का निर्णय
जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से बड़ी तैयारी की गई है। इसके तहत सभी गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री भोजन अनुपूरक योजना के तहत 10 बच्चों के लिए अतिरिक्त राशन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। जम्मू-कश्मीर के एलजीबीटी मनोज सिंह ने इस संबंध में घोषणा की है।
ऐसे में राज्य के परिवार को प्रति सदस्य 4 किलो मुफ्त राशन की सुविधा दी जा रही है। अब से प्रत्येक परिवार को ₹25 प्रति किराया दर से 10 किलोमीटर अतिरिक्त राशन की सुविधा दी जाएगी। वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में 14.32 लाख राशन कार्ड धारक हैं और 572400 लोगों को एसएसएस का लाभ मिल रहा है।
वहीं, राज्य सरकार के इस फैसले पर करीब 1.80 करोड़ रुपये का खर्च आया। सरकार ने जनता की भलाई पर ध्यान देते हुए यह कदम उठाया है। मनोज सिन्हा ने कहा कि गरीब परिवारों के वित्तीय पैकेज को दूर करने और भोजन और पोषण सुरक्षा तक पहुंचने के लिए सुनिश्चित करने के लिए इसे फिर से पेश किया जा रहा है।
वहीं, राज्य सरकार के इस फैसले पर करीब 1.80 करोड़ रुपये का खर्च आया। सरकार ने जनता की भलाई पर ध्यान देते हुए यह कदम उठाया है। मनोज सिन्हा ने कहा कि गरीब परिवारों के वित्तीय पैकेज को दूर करने और भोजन और पोषण सुरक्षा तक पहुंचने के लिए सुनिश्चित करने के लिए इसे फिर से पेश किया जा रहा है।