pm kisan status : 14वीं किस्त, नहीं मिला पैसा, ऑनलाइन चेक करें इसका कारण

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pm kisan status : 14वीं किस्त, नहीं मिला पैसा, ऑनलाइन चेक करें इसका कारण

 

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि) की 14वीं किस्त के दो हजार रुपये सरकार ने किसानों के बैंक खाते में डाल दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (पीएम नरेंद्र मोदी) ने राजस्थान के सीकर में आयोजित एक समारोह में देश के 8.5 करोड़ किसानों की सूची में 17 करोड़ हजार की हिस्सेदारी की।

लेकिन, कुछ किसानों को 14वीं किस्ट का पैसा नहीं मिला। इस घटना के कई कारण हो सकते हैं।

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किसान योजना (पीएम किसान योजना) में राजि मंदिर निर्माण ढांचा संरचना कोई जानकारी नहीं देना, पता या गलत बैंक खाता देना और एनपी सर्टिफिकेट में आधार सीडिंग नहीं होना, सार्वजनिक फाइनेंशिएनियल ढांचागत सिस्टम (पीएफएमएस) द्वारा रिकॉर्ड स्वीकृति नहीं करना या किसान द्वारा ई -केवैसी नहीं के कारण 14वीं किस्ट का पैसा अटक सकता है।

ऑनलाइन चेक करें Status

आपके टिकट में पैसे शामिल हैं या नहीं, यह देखने के लिए आधिक्यिक वेबसाइट pmkisan.gov.in वेबसाइट पर जाएं। यहां पर फॉर्मर कॉन ने लिखा नजर आना. इस पर क्लिक करें. इसके बाद बेनीफिशियरी मदरटेटस पर क्लिक करें। ऐसा करने पर आप आधार नंबर, खाता नंबर और फोन नंबर का विकल्प देखें। इनमें से किसी एक को दर्ज करें और कैपडाचा फिल और ‘डेटा प्राप्त करें’ पर क्लिक करें। ऐसा ही करते हैं आपको किसानों की किस्तों का विवरण सामने आया

पता चल जाएगा status 14वीं किस्त

किसान खाते का पूरा विवरण जब आपके सामने आएगा तो आपको पता चलेगा कि किस वजह से आपका पैसा फंसा है। मटेटस चेक करने से आपको पता चलेगा कि आपका आधार एथोटिकेशन हुआ है या नहीं। साथ ही ई-केवैसी, पीएफ फ़ार्मेट्स और लैंड सीडिंग और बेस सीडिंग की भी जानकारी मिलेगी। साथ ही ट्रांजेक्शन यदि विफल हो जाता है, तो उसकी जानकारी भी दी जाएगी।

इस बार का पैसा 8.5 करोड़ किसानों को मिला

किसान किसान योजना की 14वीं किस्त 8.5 करोड़ किसानों को मिली है। योजना के तहत साल भर में 6,000 रुपये किसानों को दिए जाएंगे। यह  थ्री किस्तों में है। पति या पत्नी में से किसी एक को किसान सम्मान निधि की राशि दी जाती है। किसान किसान की 13वीं किस्त 8 करोड़ 2 लाख किसानों को मिली थी। 12वें किस्त देश के आठ करोड़ से अधिक किसानों को मिली थी। वहीं, 11वीं किस्त 10 करोड़ से अधिक किसानों को मिली थी